हिन्दू पंचांग के अनुसार जून 14, 2023, बुधवार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि है | पंचांग से जाने June 14 का शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त और राहुकाल | लोकेशन Ujjain, Madhya Pradesh, India

पंचांग 14/06/2023 • June 14, 2023

आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी, अनला संवत्सर विक्रम संवत 2080, शक संवत 1945 (शोभकृत संवत्सर), ज्येष्ठ | एकादशी तिथि 08:48 AM तक उपरांत द्वादशी | नक्षत्र अश्विनी 01:40 PM तक उपरांत भरणी | अतिगण्ड योग 03:00 AM तक, उसके बाद सुकर्मा योग | करण बालव 08:48 AM तक, बाद कौलव 08:37 PM तक, बाद तैतिल |

जून 14 बुधवार को राहु 12:27 PM से 02:07 PM तक है | चन्द्रमा मेष राशि पर संचार करेगा |

जानिये योगिनी एकादशी का व्रत कथा और महत्त्व।

एकादशी तिथि : 13 जून, 09:29 AM से 14 जून, 08:48 AM.
द्वादशी तिथि : 14 जून, 08:48 AM से 15 जून, 08:32 AM.
हरी वासर अंत : 14 जून, 02:44 PM.
पारण समय : 15 जून, 05:45 AM - 08:25 AM

सूर्योदय 5:44 AM
सूर्यास्त 7:09 PM
चन्द्रोदय 2:36 AM
चन्द्रास्त 3:47 PM
अयन उत्तरायण
द्रिक ऋतु ग्रीष्म
  1. विक्रम संवत - 2080, अनला
  2. शक सम्वत - 1945, शोभकृत
  3. पूर्णिमांत - आषाढ़
  4. अमांत - ज्येष्ठ
तिथि
  1. कृष्ण पक्ष एकादशी   - Jun 13 09:29 AM – Jun 14 08:48 AM
  2. कृष्ण पक्ष द्वादशी   - Jun 14 08:48 AM – Jun 15 08:32 AM
नक्षत्र
  1. अश्विनी - Jun 13 01:32 PM – Jun 14 01:40 PM
  2. भरणी - Jun 14 01:40 PM – Jun 15 02:12 PM
करण
  1. बालव - Jun 13 09:06 PM – Jun 14 08:48 AM
  2. कौलव - Jun 14 08:48 AM – Jun 14 08:37 PM
  3. तैतिल - Jun 14 08:37 PM – Jun 15 08:32 AM
योग
  1. अतिगण्ड - Jun 14 04:18 AM – Jun 15 03:00 AM
  2. सुकर्मा - Jun 15 03:00 AM – Jun 16 02:02 AM
वार
  1. बुधवार
त्यौहार और व्रत
  1. योगिनी एकादशी
सूर्य और चंद्रमा का समय
  1. सूर्योदय - 5:44 AM
  2. सूर्यास्त - 7:09 PM
  3. चन्द्रोदय - Jun 14 2:36 AM
  4. चन्द्रास्त - Jun 14 3:47 PM
अशुभ काल
  1. राहू - 12:27 PM – 2:07 PM
  2. यम गण्ड - 7:25 AM – 9:05 AM
  3. कुलिक - 10:46 AM – 12:27 PM
  4. दुर्मुहूर्त - 12:00 PM – 12:53 PM
  5. वर्ज्यम् - 11:29 PM – 01:07 AM
शुभ काल
  1. अभिजीत मुहूर्त - Nil
  2. अमृत काल - 06:26 AM – 08:02 AM
  3. ब्रह्म मुहूर्त - 04:08 AM – 04:56 AM
आनन्दादि योग
  1. मृत्यु Upto - 01:40 PM
  2. काण
सूर्या राशि
  1. सूर्य वृषभ राशि पर है
चंद्र राशि
  1. चन्द्रमा मेष राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
  1. अमांत - ज्येष्ठ
  2. पूर्णिमांत - आषाढ़
  3. शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) - ज्येष्ठ 24, 1945
  4. वैदिक ऋतु - ग्रीष्म
  5. द्रिक ऋतु - ग्रीष्म
Auspicious Yogas
  1. अमृतसिद्धि योग - Jun 13 01:32 PM - Jun 14 05:44 AM (Ashwini and Tuesday)
  2. सर्वार्थसिद्धि योग - Jun 13 01:32 PM - Jun 14 05:44 AM (Ashwini and Tuesday)
Chandrashtama
  1. 1. Uttara Phalguni Last 3 padam, Hasta , Chitra First 2 padam
गण्डमूल नक्षत्र
  1. 1. Jun 13 01:32 PM – Jun 14 01:40 PM (Ashwini)
Jun 14, 2023, Ujjain, Madhya Pradesh, India
Lahiri ayanamsa

योगिनी एकादशी 2023

आषाढ़ माह के कृष्णा पक्ष में पड़ने वाले एकादशी तिथि के व्रत का नाम है योगिनी एकादशी। आषाढ़ माह में पड़ने वाले दोनों एकादशी, योगिनी एकादशी और देव शयनी एकादशी, भगवन विष्णु के पांचवे अवतार, भगवान वामन को समर्पित है। योगिनी एकादशी का व्रत करने से यह मान्यता है की बिमारीया और रोगों से मुक्ति मिलता है। पद्मा पुराण में दिए गए व्रत कथा में भी यही बात बताई गयी है की कैसे हेम नामक माली, जोह राजा कुबेर का सेवक था, योगिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से कुष्ट रोग से मुक्ति पाता है।

पद्मा पुराण में लिखित व्रत कथा इस प्रकार है -

योगिनी एकादशी व्रत कथा हिंदी में सुनिये

एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा-- हे जनार्दन, आप मुझे योगिनी एकादशी की कथा सुनायें।

श्रीकृष्ण भगवान बोले-हे राजन! आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम योगिनी है। इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और इस लोक में भोग तथा परलोक में मुक्ति देने वाला है। हे राज राजेश्वर! यह एकादशी तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। इसके व्रत से पाप नष्ट हो जाते हैं। मैं आपसे पुराण में कही हुई कथा दोहराता हूं। ध्यानपूर्वक सुनो-

अलकापुरी नगरी में कुबेर यक्षों का राजा राज्य करता था और वह शिव भक्त था। उसकी पूजा के लिए हेममाली नाम का एक सेवक मानसरोवर से पुष्प लाया करता था, सेवक की विशालाक्षी नाम की अत्यन्त सुन्दर पत्नी थी। एक दिन वह मानसरोवर से पुष्प ले आया, परन्तु कामासक्त होने के कारण पुष्पों को रखकर अपनी पत्नी के साथ रमण करने लगा और कुबेर के पास पुष्प लेकर नहीं गया। जब राजा कुबेर को उसकी राह देखते-देखते दोपहर हो गयी तो उसने क्रोधपूर्वक अपने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर हेममाली का पता लगाओ कि अभी तक पुष्प क्यों नहीं लाया है ? जब सेवकों ने उसका पता लगा लिया तो वह कुबेर के पास आकर कहने लगे- हे राजन! वह माली अभी तक अपनी स्त्री के साथ रमण कर रहा है। सेवकों की इस बात को सुनकर कुबेर ने हेममाली को बुलाने की आज्ञा दी।

हेममाली कुबेर के सम्मुख डर से कांपता हुआ उपस्थित हुआ! उसको देखकर कुबेर को अत्यन्त क्रोध आया और उसके होठ फड़फड़ाने लगे। उसने कहा- "रे पापी! महानीच कामी! तूने मेरे परम पूज्यनीय ईश्वरों के भी ईश्वर शिवजी का अनादर किया है। इससे में तुझे श्राप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग भोगेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा!"

कबेर के श्राप से हेममाली कोढ़ी हो गया था। भटकता-भटकता एक दिन वह एक आश्रम में पहुंचा। वह आश्रम मार्कण्डेय ऋषि का था। हेममाली को दुःखी और कोढ़ी देखकर ऋषि ने पूछा-“यह तुम्हारा कैसा रूप हो गया है। मैंने तपोबल से जाना है तुम्हारी काया तो बड़ी ही सुन्दर थी।”

हाथ जोड़कर हेममाली बोला-“हे मुनि! में यक्षराज कुबेर का निजि सेवक था। मेरा नाम हेममाली है। मैं राजा की पूजा के लिए नित्यप्रति पुष्प लाया करता था। एक दिन अपनी पत्नी के साथ विहार करते-करते देर हो गई | और दोपहर तक पुष्प लेकर न पहुंचा। उन्होंने मुझे श्राप दिया कि तू अपनी स्त्री का वियोग भोग और मृत्यु लोक में जाकर कोढ़ी बन तथा दुःख भोग। इससे मैं कोढ़ी हो गया हू और महान दुःख भोग रहा हू अतः आप कोई ऐसा उपाय बतलाइये जिससे मेरी मुक्ति हो।”

इस पर मार्कण्डेय ऋषि बोले-क्योंकि तूने मेरे सन्मुख सत्य बोला है। इसलिए मैं तेरे उद्धार के लिए एक व्रत बताता हूं। यदि तू आषाढ़ मास के कुष्ण पक्ष की योगिनी नामक एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करेगा, तो तेरे समस्त पाप नष्ट हो जायेंगे और तू ठीक हो जाएगा। मार्कण्डेय ऋषि से ऐसे सुभाषित वचन सुनकर हेममाली अति प्रसन्न हुआ और उनके वचनों के अनुसार योगिनी एकादशी का विधानपूर्वक व्रत करने लगा। इस व्रत के प्रभाव से अपने पुराने स्वरूप में आ गया और अपनी स्त्री के साथ सुखपूर्वक रहने लगा।

भगवान श्री कृष्ण ने कहा: हे राजन! इस योगिनी एकादशी की कथा का फल 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर है। इसके व्रत से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अन्त में मोक्ष प्राप्त करके प्राणी स्वर्ग का अधिकारी बनता है।

दिन का चौघड़िया
लाभ 05:44 AM 07:25 AM
अमृत 07:25 AM 09:05 AM
काल (काल वेला) 09:05 AM 10:46 AM
शुभ 10:46 AM 12:27 PM
रोग (वार वेला) 12:27 PM 14:07 PM
उद्बेग 14:07 PM 15:48 PM
चर 15:48 PM 17:28 PM
लाभ 17:28 PM 19:09 PM
रात का चौघड़िया
उद्बेग 19:09 PM 20:28 PM
शुभ 20:28 PM 21:48 PM
अमृत 21:48 PM 23:07 PM
चर 23:07 PM 00:27 AM
रोग 00:27 AM 01:46 AM
काल 01:46 AM 03:06 AM
लाभ (काल रात्रि) 03:06 AM 04:25 AM
उद्बेग 04:25 AM 05:45 AM
  • Most Auspicious
  • Good
  • Inauspicious
  • Vela (Inauspicious)

चंद्र बल (राशि ) 15/06/23 05:45 AM तक

मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक और कुंभ

ताराबल (नक्षत्र) 14/06/23 01:40 PM तक

भरणी, कृत्तिका, म्रृगशीर्षा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्व फाल्गुनी, उत्तर फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वभाद्रपदा और रेवती

उपरांत,

ताराबल (नक्षत्र) 15/06/23 05:45 AM तक

अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, आद्रा, पुष्य, मघा, उत्तर फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा और उत्तरभाद्रपदा

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